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नई दिल्ली: सड़कों पर सन्नाटा और बाजार में कोई चहल-पहल नहीं...ऐसा लगता है मानो लॉकडाउन के दिन हों। चिलचिलाती धूप और लू ने बुरा हाल कर रखा है। तापमान लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में भी राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के अनुसार, दो से तीन दिन तक दिल्ली-एनसीआर गर्म हवाओं का रेड अलर्ट है। लगातार तीसरे दिन दिल्ली-एनसीआर को गर्म हवाओं के थपेड़ों ने झुलसाया। एक बार फिर दिल्ली का नजफगढ़ रविवार को भी देश में सबसे गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से सात डिग्री ज्यादा है। मौसम विभाग की ओर से आज यानी सोमवार और कल भी भीषण गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में 25 मई तक गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है।
दिल्ली (सफदरजंग) में अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा है। यह इस सीजन में सबसे गर्म दिन रहा। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री अधिक 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा। दिल्ली में तीन जगहों मंगेशपुर, नजफगढ़ और पीतमपुरा में अधिकतम तापमान 47 डिग्री से अधिक रहा। वहीं, चार जगहों पर यह 46 डिग्री से अधिक रहा। एक्सपर्ट के अनुसार इस समय थार और पाकिस्तान से लगातार गर्म हवाएं दिल्ली पहुंच रही हैं। इसकी वजह से गर्मी कम नहीं हो रही है। इन गर्म हवाओं को रोकने वाला कोई वेस्टर्न डिस्टरबेंस अभी सक्रिय होता नहीं दिख रहा है।
गर्म तवे जैसी तप रही है दिल्ली
दिल्ली की गर्म धूप में खुले में काम करने वाले लोग हर पल पिघल रहे हैं। गर्म तवे के जैसी जल रही इस दिल्ली में काम करने से उनके स्वास्थ्य पर इस समय सबसे खराब असर पड़ रहा है। यही बात लोगों को समझाने के लिए ग्रीनपीस इंडिया ने रविवार को साकेत स्थित सिलेक्ट सिटी मॉल में एक बर्फ की मूर्ति लगाई। आठ फीट की इस मूर्ति में एक महिला, बच्चे और कुत्ते को दिखाया गया था। वह दिल्ली की गर्मी में किस तरह तेजी से पिघल रहे हैं, यह इस आयोजन का मर्म रहा। कुत्ते के साथ एक महिला को दर्शाया गया था, जो दिल्ली की गर्म धूप के नीचे कुछ ही घंटों में पिघल गई। आठ फीट ऊंची यह मूर्ति दिल्ली की गर्मी में चंद घंटों में ही पिघल गई। ग्रीनपीस इंडिया के अनुसार हम लोगों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि गर्मी हमारे देश के लिए कितनी बड़ी समस्या है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
गर्मी से मौतें बढ़ीं
ग्रीनपीस इंडिया के अनुसार, साल 1992 से 2015 के बीच 24,223 लोगों की मौतें अत्यधिक गर्मी की वजह से हुईं। एक्सपर्ट के अनुसार, अब भविष्य में ऐसा बार-बार होगा और लंबे समय तक ऐसा ही रहेगा। क्लाइमेट चेंज के कारण होने वाला गर्म मौसम लोगों को बीमार कर सकता है, काम करना कठिन बना रहा है और आर्थिक स्थिति पर भी असर डाल सकता है। ग्रीनपीस के अनुसार, देश में लू की घटना पिछल तीन दशकों में दोगुनी हो गई है। केवल 2022 में 2020 से अधिक लू की घटनाएं हुई। एनडीएमए के अनुसार, भारत में आधे से ज्यादा लोग बाहर काम कर रहे हैं। इन लोगों पर गर्मी का सबसे अधिक जोखिम है।
31 मई तक मॉनसून के केरल पहुंचने की उम्मीद
खेती पर आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा कहे जाने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने रविवार को देश के दक्षिणी छोर पर दस्तक दे दी। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि मॉनसून दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप तक पहुंच गया है। इसने मालदीव के कुछ हिस्सों और कोमोरिन क्षेत्र में भी दस्तक दे दी है। मॉनसून के 31 मई तक भारत के मेनलैंड यानी केरल तक पहुंच जाने की उम्मीद है। पिछले साल भी मॉनसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून तक पहुंचा था। इस साल यह सामान्य तारीख 1 जून से पहले ही केरल में दस्तक दे सकता है। वैसे अनुमानों में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रहती है। यानी केरल में मॉनसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है।
रेड अलर्ट में क्या पड़ सकता है असर
➤ गर्मी से जुड़ी बीमारियां और हीट स्ट्रोक का खतरा सबसे अधिक
➤ नवजात, बुजुर्ग, मरीजों और बाहर काम करने वालों पर खतरा ज्यादा
क्या सावधानी बरतें
➤ संवेदनशील लोगों को अत्यधिक केयर की जरूरत है
➤ बाहर जाने से जितना संभव को उतना बचें।
➤ पानी पीते रहें, प्यास न होने पर भी पानी पीएं।
➤ ओआरएस, लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ पीएं।
दिल्ली (सफदरजंग) में अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा है। यह इस सीजन में सबसे गर्म दिन रहा। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री अधिक 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा। दिल्ली में तीन जगहों मंगेशपुर, नजफगढ़ और पीतमपुरा में अधिकतम तापमान 47 डिग्री से अधिक रहा। वहीं, चार जगहों पर यह 46 डिग्री से अधिक रहा। एक्सपर्ट के अनुसार इस समय थार और पाकिस्तान से लगातार गर्म हवाएं दिल्ली पहुंच रही हैं। इसकी वजह से गर्मी कम नहीं हो रही है। इन गर्म हवाओं को रोकने वाला कोई वेस्टर्न डिस्टरबेंस अभी सक्रिय होता नहीं दिख रहा है।
गर्म तवे जैसी तप रही है दिल्ली
दिल्ली की गर्म धूप में खुले में काम करने वाले लोग हर पल पिघल रहे हैं। गर्म तवे के जैसी जल रही इस दिल्ली में काम करने से उनके स्वास्थ्य पर इस समय सबसे खराब असर पड़ रहा है। यही बात लोगों को समझाने के लिए ग्रीनपीस इंडिया ने रविवार को साकेत स्थित सिलेक्ट सिटी मॉल में एक बर्फ की मूर्ति लगाई। आठ फीट की इस मूर्ति में एक महिला, बच्चे और कुत्ते को दिखाया गया था। वह दिल्ली की गर्मी में किस तरह तेजी से पिघल रहे हैं, यह इस आयोजन का मर्म रहा। कुत्ते के साथ एक महिला को दर्शाया गया था, जो दिल्ली की गर्म धूप के नीचे कुछ ही घंटों में पिघल गई। आठ फीट ऊंची यह मूर्ति दिल्ली की गर्मी में चंद घंटों में ही पिघल गई। ग्रीनपीस इंडिया के अनुसार हम लोगों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि गर्मी हमारे देश के लिए कितनी बड़ी समस्या है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
गर्मी से मौतें बढ़ीं
ग्रीनपीस इंडिया के अनुसार, साल 1992 से 2015 के बीच 24,223 लोगों की मौतें अत्यधिक गर्मी की वजह से हुईं। एक्सपर्ट के अनुसार, अब भविष्य में ऐसा बार-बार होगा और लंबे समय तक ऐसा ही रहेगा। क्लाइमेट चेंज के कारण होने वाला गर्म मौसम लोगों को बीमार कर सकता है, काम करना कठिन बना रहा है और आर्थिक स्थिति पर भी असर डाल सकता है। ग्रीनपीस के अनुसार, देश में लू की घटना पिछल तीन दशकों में दोगुनी हो गई है। केवल 2022 में 2020 से अधिक लू की घटनाएं हुई। एनडीएमए के अनुसार, भारत में आधे से ज्यादा लोग बाहर काम कर रहे हैं। इन लोगों पर गर्मी का सबसे अधिक जोखिम है।
31 मई तक मॉनसून के केरल पहुंचने की उम्मीद
खेती पर आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा कहे जाने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने रविवार को देश के दक्षिणी छोर पर दस्तक दे दी। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि मॉनसून दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप तक पहुंच गया है। इसने मालदीव के कुछ हिस्सों और कोमोरिन क्षेत्र में भी दस्तक दे दी है। मॉनसून के 31 मई तक भारत के मेनलैंड यानी केरल तक पहुंच जाने की उम्मीद है। पिछले साल भी मॉनसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून तक पहुंचा था। इस साल यह सामान्य तारीख 1 जून से पहले ही केरल में दस्तक दे सकता है। वैसे अनुमानों में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रहती है। यानी केरल में मॉनसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है।
रेड अलर्ट में क्या पड़ सकता है असर
➤ गर्मी से जुड़ी बीमारियां और हीट स्ट्रोक का खतरा सबसे अधिक
➤ नवजात, बुजुर्ग, मरीजों और बाहर काम करने वालों पर खतरा ज्यादा
क्या सावधानी बरतें
➤ संवेदनशील लोगों को अत्यधिक केयर की जरूरत है
➤ बाहर जाने से जितना संभव को उतना बचें।
➤ पानी पीते रहें, प्यास न होने पर भी पानी पीएं।
➤ ओआरएस, लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ पीएं।
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